जानिए कैसे दक्षिण कोरिया की शिक्षा दुनिया में सबसे मजबूत बनी?

 दक्षिण कोरिया की शिक्षा: इतिहास से आज तक

दक्षिण कोरिया आज शिक्षा के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में आता है। यहाँ शिक्षा को केवल ज्ञान का साधन नहीं बल्कि देश की प्रगति और सफलता का आधार माना जाता है। आइए जानते हैं कि कैसे दक्षिण कोरिया ने अपने शिक्षा प्रणाली को इतिहास से लेकर आज तक इतना मजबूत बनाया।

(दक्षिण कोरिया के एक विद्यालय की प्रतीकात्मक फोटो)

1. शिक्षा का प्रारंभिक इतिहास

दक्षिण कोरिया में शिक्षा की जड़ें प्राचीन काल से जुड़ी हैं। गोगुरियो, बैक्ज़े और शिला साम्राज्यों में बच्चों को बुनियादी गणित, भाषा और नैतिक शिक्षा दी जाती थी। धार्मिक संस्थाओं, विशेषकर बौद्ध मंदिरों ने शिक्षा के प्रसार में मदद की।

• चोसोन राजवंश (1392–1897) में Confucian Schools का महत्व बढ़ा। लड़कों को सरकारी परीक्षा (Gwageo) के लिए तैयार किया जाता था। इस परीक्षा में सफल होने वाले ही प्रशासनिक पदों पर पहुँचते थे। इस समय लड़कियों की शिक्षा बहुत सीमित थी।

• 19वीं और 20वीं सदी में पश्चिमी शिक्षा प्रणाली का प्रभाव बढ़ा। जापानी शासन (1910–1945) के दौरान जापानी भाषा और संस्कृति पर जोर दिया गया और कोरियाई भाषा पर प्रतिबंध लगाया गया।

• 1945 में स्वतंत्रता मिलने के बाद दक्षिण कोरिया ने अपनी स्वतंत्र शिक्षा नीति बनाई। 1950 के दशक में शिक्षा सुधार का मुख्य उद्देश्य साक्षरता बढ़ाना और देश के विकास में युवाओं को सक्षम बनाना था।

2. शिक्षा का ढांचा

आज दक्षिण कोरिया की शिक्षा प्रणाली मुख्य रूप से 12 साल की अनिवार्य शिक्षा और उच्च शिक्षा में विभाजित है।• प्राथमिक शिक्षा (Class 1–6) , उम्र: 6–12 साल

• विषय: कोरियाई भाषा, गणित, विज्ञान, समाज, कला, खेल

• उद्देश्य: बुनियादी ज्ञान और सीखने की आदतें विकसित करना

• माध्यमिक शिक्षा (Class 7–9)

• उम्र: 12–15 साल

• विषय: कोरियाई, अंग्रेज़ी, गणित, विज्ञान, सामाजिक अध्ययन

• उद्देश्य: उच्च माध्यमिक शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करना

• उच्च माध्यमिक शिक्षा (Class 10–12)

• उम्र: 15–18 साल

• दो प्रकार: सामान्य स्कूल और विशेष स्कूल (विज्ञान, कला, तकनीकी)

• मुख्य परीक्षा: College Scholastic Ability Test (CSAT / Suneung)

उच्च शिक्षा

विश्वविद्यालय और महाविद्यालय

Undergraduate: 4 साल, Master: 2 साल, PhD: 4–6 साल, प्रमुख विश्वविद्यालय: Seoul National University, KAIST, POSTECH

3. दक्षिण कोरिया शिक्षा की विशेषताएँ

• प्रतिस्पर्धात्मक शिक्षा

• छात्र छोटे उम्र से कठिन अध्ययन करते हैं।

• अधिकांश छात्र Hagwons (प्राइवेट क्लासेस) में भी पढ़ते हैं।

• तकनीकी और डिजिटल शिक्षा

• स्मार्ट क्लासरूम और ऑनलाइन शिक्षा आम हैं।

• कंप्यूटर और तकनीकी कौशल पर जोर।

• संस्कृति और माता-पिता का योगदान

• शिक्षा को समाज और परिवार में अत्यधिक महत्व दिया जाता है।

• माता-पिता अपने बच्चों की पढ़ाई में गहन रुचि रखते हैं।

4. शिक्षा प्रणाली के लाभ

• उच्च साक्षरता: लगभग 99%

• वैश्विक प्रदर्शन: विज्ञान और गणित में शीर्ष स्थान

• आर्थिक विकास में योगदान: शिक्षित युवा कार्यबल

• तकनीकी और नवाचार में नेतृत्व

5. चुनौतियाँ

• मानसिक दबाव: लंबे समय तक पढ़ाई और परीक्षाओं का तनाव

• रचनात्मकता पर असर: परीक्षा-केंद्रित शिक्षा रचनात्मकता को सीमित कर सकती है

• जीवन संतुलन में कमी: अतिरिक्त क्लासेस और पढ़ाई के लंबे घंटे

6. निष्कर्ष

दक्षिण कोरिया का शिक्षा प्रणाली अत्यंत संगठित, प्रतिस्पर्धात्मक और तकनीकी रूप से उन्नत है। इसकी सफलता का राज है अनुशासन, माता-पिता की भागीदारी और डिजिटल शिक्षा में निवेश।

हालांकि, मानसिक स्वास्थ्य और रचनात्मकता के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है।

दक्षिण कोरिया का उदाहरण दिखाता है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान का साधन नहीं, बल्कि देश की प्रगति का सबसे मजबूत आधार है।

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