गलत जानकारी और फेक न्यूज 2025: समाज को बांटने वाला सबसे बड़ा संकट

गलत जानकारी और फेक न्यूज 2025: समाज को बांटने वाला सबसे बड़ा संकट

गलत जानकारी और फेक न्यूज 2025: समाज को बांटने वाला सबसे बड़ा संकट

आज के डिजिटल युग में जहां इंटरनेट ने जानकारी पाने को आसान बना दिया है, वहीं गलत जानकारी (Misinformation) और फेक न्यूज (Fake News) समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभरी है। 2025 में यह समस्या और भी गहरी होती जा रही है। पहले लोग अखबारों और टीवी से खबरें लेते थे, जिनकी जांच-पड़ताल की जाती थी, लेकिन अब सोशल मीडिया और व्हाट्सएप फॉरवर्ड्स ने स्थिति बदल दी है।

फेक न्यूज क्या है?

फेक न्यूज वह झूठी या भ्रामक जानकारी है जिसे किसी विशेष उद्देश्य से फैलाया जाता है। कभी-कभी यह राजनीतिक लाभ, कभी धार्मिक नफरत, तो कभी आर्थिक फायदा उठाने के लिए फैलाई जाती है। इसका सबसे बड़ा असर समाज की एकता और भाईचारे पर पड़ता है।

2025 में फेक न्यूज की स्थिति

  • AI और डीपफेक टेक्नोलॉजी ने झूठ को सच की तरह दिखाना आसान बना दिया है।
  • चुनावों के समय राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए अफवाहों को बढ़ावा देती हैं।
  • सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिना जांचे-परखे कोई भी खबर वायरल हो जाती है।
  • ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में लोग इन झूठी खबरों को सच मान लेते हैं।

समाज पर असर

  1. धर्म और जाति के नाम पर विभाजन – फेक न्यूज लोगों को धर्म और जाति के आधार पर लड़ने को उकसाती है।
  2. हिंसा और दंगे – कई बार अफवाहों की वजह से भीड़ हिंसा पर उतर आती है।
  3. लोकतंत्र पर खतरा – जब लोग गलत जानकारी पर भरोसा करते हैं तो चुनाव और नीतियां प्रभावित होती हैं।
  4. मानसिक तनाव – लगातार नकारात्मक और भ्रामक खबरें देखने से युवाओं का मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ रहा है।

उदाहरण

2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर कई फेक न्यूज वायरल हुईं। कोविड-19 महामारी के समय वैक्सीन को लेकर फैली अफवाहों ने भी लोगों की जान जोखिम में डाल दी।

फेक न्यूज क्यों फैलती है?

  • लोगों की जल्दी विश्वास करने की आदत
  • सोशल मीडिया पर त्वरित शेयरिंग
  • डिजिटल लिटरसी की कमी
  • राजनीतिक और व्यावसायिक लाभ

इसे रोकने के उपाय

  • डिजिटल लिटरसी बढ़ाना – बच्चों को असली और नकली खबरों में फर्क करना सिखाना।
  • तथ्यों की जांच – किसी भी खबर को शेयर करने से पहले फैक्ट-चेक करना।
  • सख्त कानून – सरकार को फेक न्यूज फैलाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
  • सोशल मीडिया कंपनियों की जिम्मेदारी – गलत जानकारी हटाने और रिपोर्टिंग की सुविधा आसान बनाना।
  • व्यक्तिगत सतर्कता – हर नागरिक को जागरूक होकर केवल सही जानकारी साझा करनी चाहिए।

निष्कर्ष

2025 में फेक न्यूज और गलत जानकारी समाज को बांटने वाला सबसे बड़ा संकट बन चुकी है। यह न केवल हमारी सोच को प्रभावित करती है, बल्कि लोकतंत्र और भाईचारे को भी कमजोर करती है। यदि समय रहते हम सतर्क नहीं हुए तो आने वाली पीढ़ियां सच और झूठ में फर्क नहीं कर पाएंगी। हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि केवल सही और प्रमाणिक जानकारी ही साझा करें। यही तरीका है जिससे हम फेक न्यूज की इस आग को बुझा सकते हैं।

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