“ट्रम्प द्वारा भारत पर 50 % टैरिफ लगाने के संभावित राजनीतिक कारण”

 ट्रम्प का भारत पर 50 % टैरिफ लगाने के राजनीतिक कारण

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अगस्त 2025 में भारत पर निर्यात वस्तुओं पर 50 % तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की। इस कदम के पीछे केवल आर्थिक नहीं, बल्कि व्यापक राजनीतिक—रणनीतिक, चुनावी और भू-राजनीतिक—मकसद निहित हैं। नीचे उसके विभिन्न पहलुओं का विस्तार से विवेचन है:

  (Donald Trump, President of America)

                   

1. रूस–यूक्रेन युद्ध में दबाव बहाल करना

ट्रम्प ने यह बड़ा टैरिफ भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर दबाव बनाने के उद्देश्य से लगाया। वे आशा कर रहे थे कि इससे रूस पर दबाव बनेगा और युद्ध की स्थिति बदलने पर उतारा जाएगा। यह एक अप्रत्यक्ष कूटनीतिक हथियार था, जिसमें ट्रम्प ने व्यापार नीति को सीधे युद्ध और तटस्थता के राजनीतिक लक्ष्य से जोड़ दिया।

2. "अमेरिका फर्स्ट" नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा का ढांचा

ट्रम्प की यह नीति स्पष्ट रूप से "अमेरिका फर्स्ट" की विचारधारा के अनुरूप थी। उन्होंने विदेशी व्यापार घाटों और अमेरिकी घरेलू उद्योगों की रक्षा को राष्ट्रीय सुरक्षा माना। भारत पर उच्च टैरिफ लगाने से, अमेरिका अपने घरेलू बाजार की संरक्षा और रक्षा—उद्योग को मजबूती देने की कोशिश कर रहा था।

3. व्यक्तिगत व राजनीतिक शिकंजा

राष्ट्रपति ट्रम्प ने भारत को एक "टैरिफ किंग" और "बड़ा दुर्व्यवहारकर्ता" कहा। यह टिप्पणी केवल व्यापार नीति पर आक्षेप नहीं, बल्कि व्यक्तिगत राजनीतिक नाराजगी और चुनावी तुष्टीकरण का संकेत भी लगती है। इस प्रकार, टैरिफ को राष्ट्रपति की राजनीतिक प्रतिष्ठा और चुनाव प्रचार से जोड़कर इस्तेमाल किया गया।

4. रणनीतिक पैठ कमजोर करने का प्रयास

भारत–अमेरिका लंबे समय से एक रणनीतिक साझेदारी में बंधे थे, जिसमें रक्षा, प्रौद्योगिकी और Indo-Pacific क्षेत्र में सहयोग शामिल था। लेकिन इस टैरिफ से यह साझेदारी दांव पर लगती दिख रही है; विशेषज्ञ इसे पिछले दो दशकों में सबसे गंभीर गतिरोध मान रहे हैं। ट्रम्प शायद यह संकेत देना चाहते थे कि आर्थिक लाभ के बिना रणनीतिक सहयोग संभव नहीं।

5. द्विध्रुवीयता और साझेदारों को चेतावनी

यूरोप और अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस से व्यापार जारी रखा है—भारत के विपरीत। इसलिए, भारत पर यह कार्रवाई अन्य साझेदारों के लिए चेतावनी स्वरूप भी है: यदि नीति संरेखण नहीं हुआ, तो अर्थव्यवस्था समर्थित नहीं मिलेगी 

। यह व्यापार से मिलने वाले लाभों को राजनीतिक नियंत्रण में लेने की रणनीति है।

6. घरेलू अमेरिकी राजनैतिक लाभ

टैरिफ की घोषणा अमेरिकी चुनावी रणनीति में सघन प्रभावशाली सिद्ध हुई। यह कदम विशेष रूप से Rust Belt राज्यों जैसे उन राज्यों में लोकप्रिय हो सकता था जो विदेशी प्रतिस्पर्धा को दोषी मानते हैं। इसके जरिए ट्रम्प "मेक अमेरिका ग्रेट अगेन" संदेश को पुनः जीवंत कर रहे थे।

7. भारत की प्रतिक्रिया: आत्मनिर्भरता को बल

टैरिफ की प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय किसानों, डेरी उत्पादकों और मत्स्य पालन करने वालों के हितों की रक्षा का वादा किया। साथ ही, भारत यूरोप, रूस और चीन से सहयोग बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रहा है 

8. साझेदारी को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता

विश्लेषकों का मानना है कि यह संकट नई कूटनीतिक और व्यापारिक बैकलिंक (backchannel) प्रक्रिया के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। यदि अमेरिका और भारत कुछ समन्वयात्मक पहल करें—जैसे भारत का रूसी तेल विविधतापूर्वक लेना—तो यह टैरिफ घट सकता है और विश्वास वापस स्थापित किया जा सकता है।

समापन

ट्रम्प द्वारा भारत पर 50 % टैरिफ लगाने का निर्णय, केवल व्यापारिक भावना से प्रेरित नहीं था; यह एक राजनीतिक और रणनीतिक औज़ार था, जिसमें उन्होंने विदेश नीति, चुनाव रणनीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को एक साथ मिलाकर उपयोग किया। यह कदम U.S.–India संबंधों को अस्थिर कर सकता है, लेकिन साथ ही यह संकेत भी देता है कि अगर राजनैतिक सहमति और रणनीतिक समन्वय लागू हो, तो संकट से बाहर निकलने का मार्ग संभव है।

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Tags: अंतरराष्ट्रीय राजनीति, भारत-अमेरिका संबंध, वैश्विक व्यापार युद्ध

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