जब भी दुनिया में नवाचार, विज्ञान और टेक्नोलॉजी की बात आती है, तो इज़राइल का नाम सबसे आगे लिया जाता है। यह देश भले ही भूगोल और जनसंख्या के मामले में छोटा हो, लेकिन शिक्षा प्रणाली ने इसे विश्व मानचित्र पर “स्टार्टअप नेशन” बना दिया है। इज़राइल की शिक्षा न केवल बच्चों को किताबों तक सीमित रखती है बल्कि उन्हें आलोचनात्मक सोच (Critical Thinking), नवाचार (Innovation) और वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान के लिए तैयार करती है।
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1948 में इज़राइल के गठन के बाद शिक्षा को राष्ट्र निर्माण की पहली प्राथमिकता दी गई।
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शुरुआती दौर में शिक्षा का उद्देश्य था – एक “नई पहचान” बनाना और हर नागरिक को शिक्षित करना।
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स्कूलों में हिब्रू भाषा को बढ़ावा दिया गया ताकि यहूदी समुदाय एकजुट होकर आधुनिक राष्ट्र का निर्माण कर सके।
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1950 का Compulsory Education Law – 5 से 15 वर्ष तक की शिक्षा अनिवार्य कर दी गई।
इज़राइल की आधुनिक शिक्षा प्रणाली
आज इज़राइल की शिक्षा प्रणाली तीन मुख्य स्तरों में बंटी है:
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प्राथमिक शिक्षा (Primary Education) – 6 से 12 वर्ष तक
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सभी बच्चों के लिए अनिवार्य और निशुल्क।
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यहां बच्चों को बुनियादी पढ़ाई के साथ-साथ समाज और नैतिकता के पाठ पढ़ाए जाते हैं।
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माध्यमिक शिक्षा (Secondary Education) – 12 से 18 वर्ष तक
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2 भागों में बटी – Lower Secondary (12–15 वर्ष) और Upper Secondary (15–18 वर्ष)।
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इस स्तर पर छात्र विभिन्न स्ट्रीम चुन सकते हैं – विज्ञान, मानविकी, तकनीकी शिक्षा।
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12वीं के अंत में छात्रों को Bagrut Exam देना होता है, जो कॉलेज एडमिशन का आधार है।
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उच्च शिक्षा (Higher Education)
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इज़राइल के विश्वविद्यालय दुनिया में रिसर्च और इनोवेशन के लिए प्रसिद्ध हैं।
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Hebrew University of Jerusalem, Technion – Israel Institute of Technology, Tel Aviv University जैसी संस्थाएं स्टार्टअप्स और रिसर्च में विश्व-स्तर पर योगदान देती हैं।
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इज़राइल की शिक्षा की खासियतें
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अनिवार्य और मुफ्त शिक्षा – हर नागरिक को 12वीं तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा।
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प्रैक्टिकल लर्निंग पर जोर – किताबों से ज्यादा प्रयोगशालाओं और प्रोजेक्ट-बेस्ड पढ़ाई।
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टेक्नोलॉजी और नवाचार – हर स्तर पर कंप्यूटर, साइबर सुरक्षा, रोबोटिक्स और एआई की पढ़ाई।
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सैन्य सेवा और शिक्षा का मेल – 18 वर्ष के बाद हर नागरिक को अनिवार्य सैन्य सेवा करनी होती है। यह अनुशासन, लीडरशिप और टीमवर्क सिखाती है।
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स्टार्टअप कल्चर – स्कूल और कॉलेज से ही छात्रों को उद्यमिता (Entrepreneurship) और स्टार्टअप बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
वैश्विक स्तर पर इज़राइल की पहचान
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इज़राइल की शिक्षा प्रणाली ने इसे दुनिया का Innovation Hub बनाया।
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Nobel Prize विजेताओं की बड़ी संख्या यहां की शिक्षा गुणवत्ता को दर्शाती है।
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PISA Test में इज़राइल के छात्र लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
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तकनीकी क्षेत्र में इज़राइल की कंपनियां Google, Microsoft, Intel जैसी दिग्गज कंपनियों के साथ काम कर रही हैं।
भारत और इज़राइल से सबक
भारत जैसे बड़े देश इज़राइल से बहुत कुछ सीख सकते हैं:
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शिक्षा में प्रैक्टिकल और रिसर्च आधारित दृष्टिकोण अपनाना।
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शिक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को आपस में जोड़ना।
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स्कूल स्तर से ही स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देना।
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अनिवार्य शिक्षा कानून को सख्ती से लागू करना।
निष्कर्ष
इज़राइल की शिक्षा प्रणाली इस बात का प्रमाण है कि किसी भी राष्ट्र की शक्ति उसके युवा दिमागों में छिपी होती है। छोटे से देश ने शिक्षा को हथियार बनाकर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि दुनिया को भी दिखाया कि सही दिशा और सही सोच से शिक्षा ही राष्ट्र को “ज्ञान-शक्ति” बना सकती है।
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