“हार के बाद जीत की कहानी – लकड़हारे की हिम्मत”
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“हार के बाद जीत की कहानी – लकड़हारे की हिम्मत”
ज़िंदगी कभी आसान नहीं होती। हर इंसान के सामने मुश्किलें आती हैं, लेकिन वही सफल होता है जो बार-बार गिरकर भी फिर से उठ खड़ा होता है। आज मैं आपको एक ऐसे साधारण लकड़हारे की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसने अपनी मेहनत और हिम्मत से यह साबित किया कि हार मान लेना ही असली हार है।
संघर्ष से भरी शुरुआत:-
बहुत समय पहले एक गाँव में रामू नाम का लकड़हारा रहता था। वह दिन-रात जंगल से लकड़ी काटकर गाँव में बेचता और अपनी पत्नी और बच्चों का पेट पालता। उसकी आमदनी बहुत कम थी, लेकिन वह मेहनती और ईमानदार था।
रामू का सपना था कि एक दिन वह अपने बच्चों को पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनाए। लेकिन उसके सामने मुश्किल यह थी कि उसकी कमाई इतनी नहीं थी कि बच्चों की पढ़ाई और घर का खर्च आसानी से चल सके।
पहली असफलता
एक बार गाँव में एक बड़े व्यापारी ने घोषणा की –
“जो भी आदमी सबसे ज़्यादा लकड़ी काटकर लाएगा, मैं उसे अपनी मिल में नौकरी दूँगा।”
रामू का मन खुश हो गया। उसे लगा कि अगर वह नौकरी पा गया तो परिवार की ज़िंदगी बदल जाएगी। वह सुबह से शाम तक जंगल में काम करने लगा।
लेकिन किस्मत उसके साथ नहीं थी। प्रतियोगिता के दिन उसकी कुल्हाड़ी टूट गई और वह पर्याप्त लकड़ी नहीं ला सका। नौकरी किसी और को मिल गई।
गाँव वाले हँसने लगे –
“रामू तो बस गरीब ही रहेगा।”
रामू को बहुत दुख हुआ, लेकिन उसने ठान लिया कि वह हार नहीं मानेगा।
मेहनत और लगन
रामू ने नई कुल्हाड़ी खरीदी और हर दिन पहले से ज़्यादा मेहनत करने लगा। सुबह सूरज निकलने से पहले जंगल पहुँच जाता और देर शाम तक काम करता।
धीरे-धीरे उसकी ताकत और कला दोनों बढ़ती गईं। अब वह एक ही दिन में पहले से दोगुनी लकड़ी काटने लगा। उसकी पहचान गाँव के सबसे मेहनती लकड़हारे के रूप में होने लगी।
दूसरा अवसर
कुछ महीने बाद वही व्यापारी फिर आया और बोला –
“मुझे अपनी मिल के लिए सबसे मेहनती और सच्चे आदमी की ज़रूरत है।”
इस बार प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि व्यापारी ने पूरे गाँव से राय ली।
हर किसी ने एक ही नाम लिया – रामू।
व्यापारी ने रामू को नौकरी दे दी। अब रामू की कमाई पहले से कई गुना बढ़ गई।
सपनों की उड़ान
नौकरी लगते ही रामू ने सबसे पहले अपने बच्चों को अच्छे स्कूल में दाख़िला दिलवाया।
उसकी पत्नी की आँखों में खुशी के आँसू थे।
धीरे-धीरे उसके बच्चे पढ़-लिखकर गाँव के पहले अफ़सर बने।
गाँव वाले जो कभी उसका मज़ाक उड़ाते थे, अब उसकी तारीफ़ करने लगे।
Moral (सीख)
👉 असफलता अंत नहीं है, बल्कि नई शुरुआत का पहला कदम है।
👉 अगर आपकी मेहनत सच्ची है, तो देर-सवेर सफलता आपके कदम चूमेगी।
👉 हार मान लेना ही असली हार है, और लगातार प्रयास करना ही असली जीत है।
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